बंद हो सकती है फ्री मोबाइल, स्कूटी, लैपटॉप और लाडली बहना जैसी योजनाएं, सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस, राज्य सरकारों से मांगा जवाब

Supreme court on Freebies : आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मौजूदा सरकारें सत्ता में फिर से वापस आने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रही है. आपको बता दे कि इसी साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान राज्य सहित 9 और राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले राज्य सरकारें जनता को लुभाने के लिए कई तरह के वादे और योजनाएं चला रहे हैं. मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में मौजूदा सरकारें आगामी चुनाव में सत्ता में वापसी के लिए घोषणाओं की बारिश कर रहे हैं. लेकिन अब इन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. जिससे मौजूदा सरकारों की समस्याएं बढ़ाने वाली है.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में रेवड़ी कल्चर के खिलाफ एक पीआईएल अपील दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकारों में मौजूदा मुख्यमंत्रियों द्वारा मुफ्त में दी जा रही सुविधाओं जैसे फ्री मोबाइल, फ्री स्कूटी और फ्री लैपटॉप आदि योजनाएं लोगों को भ्रमित करने तथा वोट खरीदने की मंशा से शुरू की गई है. ऐसी योजनाओं को शुरू करने की मानसिकता चुनाव में फायदा उठाना है. सुप्रीम कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग से भी 4 हफ्तों में जवाब मांगा है.

सभी पाठकों की जानकारी के लिए बता दें की रेवड़ी कल्चर क्या होता है? सरकारों द्वारा जनता को लुभाने के लिए चुनाव से पहले किए जाने वाले मुफ्त वादों को ही रेवड़ी कल्चर कहा जाता है. इसमें मौजूद सरकारें चुनाव से पहले नागरिकों को फ्री में सुविधा देने के लिए कई योजनाएं तथा वादे करते हैं, जो कि चुनाव की दृष्टि से सही नहीं है. चुनाव जीतने के लिए पार्टियाँ पानी की तरह पैसा बहा रही है, कई बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है, ताकि चुनाव में जनता का साथ मिल सके. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्य प्रदेश सरकार और राजस्थान सरकार के साथ चुनाव आयोग को नोटिस भेज दिया गया है.

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