Electric Vehicle Policy : सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल पर मिलने वाली सब्सिडी पर ले रही है बड़ा फैसला, नुकसान होगा या फायदा, जानिए!

Electric Vehicle Policy : भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण और बिक्री बड़ी तेजी से बढ़ रही है. अब लोगों की पेट्रोल वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहन पहली पसंद बनती जा रही है. ऐसे में अगर आप भी एक इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद रहे हैं या भविष्य में खरीदने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह खबर जानना बेहद आवश्यक होगी.

सरकार की FAME Subsidy से मिलता है बड़ा फायदा

सरकार भी लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. इसलिए सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी योजना शुरू की है, जिसका नाम फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड वीकल्स (FAME) है. यह Subsidy सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2019 को 3 साल की अवधि के लिए शुरू की गई थी. जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को इस सब्सिडी का फायदा मिलता था. 3 साल पूरे होने के बाद सरकार ने फैसला लिया कि इसे 2 साल के लिए 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया जाए. लेकिन अब सरकार इस सब्सिडी को बंद कर सकती है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों पर भारी पड़ेगा.

सरकार ने 1 जून से की थी FAME Subsidy में कटौती

जैसा कि आपको जानकारी होगी कि सरकार ने 1 जून से मिलने वाली फेम सब्सिडी में को घटा दिया था. पहले फेम सब्सिडी के तहत इलेक्ट्रिक स्कूटर को मौजूदा मूल्य के 40% तक की सब्सिडी मिलती थी. लेकिन अब सरकार ने उसे घटाकर 15% कर दी है. अगर पहले आपके इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने पर ₹15000 की सब्सिडी मिलती थी, अब उसे सरकार घटाकर ₹10000 प्रति किलो वोट कर दी है.

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चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर सरकार दे रही है जोर

दुनिया भर में पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की खपत करने में सबसे बड़ा योगदान गाड़ियां देती है. जिससे पर्यावरण पर भी भारी प्रभाव पड़ता है. ऐसे में अब सरकार स्वच्छ ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को भारत में तेजी से बढ़ा रहे हैं. लेकिन इसके लिए सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर है. हालांकि शहरी क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशन धीरे-धीरे जोड़े जा रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक चार्जिंग स्टेशन का नामोनिशान नहीं है.

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