Latest Insurance News: डिजिटल भारत में जैसे हम आगे बढ़ रहे है। वैसे रोज़ नए धोखा – धड़ी के केस सामने निकल के आ रहे है। इन स्कैम के पीछे सबसे बड़ा कारण आपके और हमारे जैसे लोगों के निजी डाटा का स्कैमरो के पास होना, जैसे फोन नंबर, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स इत्यादि।
वर्तमान समय में तो कई स्टोर और शॉपिंग मॉल में फोन नंबर मांग लेते है। सबसे खास बात तो यह की मोबाईल नंबर से आधार व पैन कार्ड, बैंक अकाउंट जुड़े है। ऐसे में यदि आपका फोन नंबर या ऐसे निजी जानकारी किसी के पास हो तो वह आपका गलत फायदा उठा सकता है।
Latest Insurance News
हमारे देश भारत में एक सबसे बड़ी खबर सामने निकल कर आ रही है, की किसी इन्श्योरेन्स कंपनी ने अपने ग्राहकों का डाटा किसी हैकर को बेच दिया है। अक्सर लोग अपनी निजी जानकारी भरोसेमंद कंपनीयो को ही देते है, फिर वही कंपनीया आपका डाटा बेचकर पैसे कमाने लग जाती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि हाल ही में एक बड़ी इंश्योरेंस कंपनी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां कंपनी के एक अधिकारी ने 3.1 करोड़ रजिस्टर्ड ग्राहकों का डाटा हैकरों को बेच दिया है।
इस कंपनी ने बेची
हम यहां बात कर रहे हैं स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की, जहां 3.1 करोड़ ग्राहकों की निजी जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, पैन, पता और मेडिकल हिस्ट्री हैकरों के हाथों में पहुंच गई है। यह कहा जा रहा है कि एक हैकर, जिसे शेनजेन के नाम से जाना जाता है, ने अपनी वेबसाइट पर इन जानकारियों को बेचने के लिए रखा है। इस गंभीर मामले की सुनवाई फिलहाल मद्रास हाईकोर्ट में चल रही है।
हैकर का पर्दाफाश कैसे हुआ?
ब्रिटेन के शोधकर्ता जेसन पार्कर ने 20 सितंबर को एक रिपोर्ट साझा की, जिसमें उन्होंने खुलासा किया कि शेनजेन नामक एक हैकर ने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के डेटा का नमूना और कंपनी के डिजिटल नेटवर्क की जिम्मेदारी संभालने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ हुई ईमेल बातचीत को ऑनलाइन पोस्ट किया है। इस ईमेल में ग्राहकों का निजी डाटा बेचे जाने की बात सामने आई है।
हैकर का दावा और कंपनी का जवाब
हैकर शेनजेन ने दावा किया है कि उसने स्टार हेल्थ इंडिया के ग्राहकों और बीमा दावों से जुड़ा संवेदनशील डेटा सार्वजनिक किया है, जिसे कंपनी ने खुद उसे बेचा है। इस पर स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने जवाब देते हुए कहा कि स्वतंत्र साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की टीम के साथ गहन जांच चल रही है और वे सरकार और नियामक अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। मद्रास हाईकोर्ट ने भी मामले की गंभीरता पर जोर देते हुए अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को तय की है।