OLA का यह Scam पड़ा भारी, अब ओला ग्राहकों को कंपनी देगी ₹19,000 का रिफंड, आपके पास भी है ओला स्कूटर, तो जरूर देखें!

OLA Electric fraud : भारत की स्टार्टअप कंपनी OLA जो देश में सबसे ज्यादा Electric Scooter बेचने के मामले में सबसे पहले स्थान पर आती है. अगर आपने भी ओला का इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदा हुआ है, तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है! सरकार के आदेश अनुसार OLA Electric Scooter कम्पनी को अपने ग्राहकों को लगभग 130 करोड रुपए वापिस रिफंड करने होंगे. चलिए जानते हैं OLA ग्राहकों के लिए क्या खुशखबरी है?

OLA Charger money refund to all customers

भारतीय इलेक्ट्रिक टू व्हीलर निर्माता कंपनियों के लिए सरकार ने आदेश जारी किया है, जिन्होंने सरकार से सब्सिडी के रूप में भारी पैसा लिया है. उनके खिलाफ सरकार ने अब कार्यवाही शुरू कर दी है. दरअसल सरकार के आदेश के अनुसार OLA Electric कंपनी को अपने ग्राहकों को करीब 130 करोड रुपए का रिफंड दिया जाएगा. जिसमें सभी OLA ग्राहक को 9000 से ₹19000 तक का पैसा वापिस दिया जाएगा.

ओला कंपनी क्यों करेगी पैसा रिफंड

ओला ग्राहकों से कंपनी ने स्कूटर की कीमत के साथ-साथ उसके चार्जर के भी अलग से पैसा वसूलती थी. जो कि सरकार के नियमों के खिलाफ था. दरअसल Ola Electric Fame के तहत सरकारी सब्सिडी का लाभ उठा रही है. लेकिन सरकार के इस नियम के अनुसार कंपनी ग्राहकों से चार्जर का पैसा नहीं ले सकती है. लेकिन अब ओला कंपनी को अपने ग्राहकों से चार्जर का पैसा लेना भारी पड़ गया है. सरकार के आदेश के अनुसार ओला कंपनी को अपने सभी ग्राहकों को चार्जर के पैसे वापिस रिफंड करने होंगे, अन्यथा कम्पनी को सब्सिडी और अन्य स्कीम से बेदखल कर दिया. जाएगा.

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सरकार के आदेश के बाद कंपनी ने तुरंत किया ऐलान

सरकार के आदेश के तुरंत बाद OLA Electric कंपनी एक्शन में आ गई. ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ ने 30 अप्रैल 2023 को ऐलान किया है की कंपनी अपने सभी ग्राहकों को चार्जर के नाम पर लिए गए 130 करोड रुपए का रिफंड करेगी. कंपनी की जानकारी के मुताबिक जिन ग्राहकों ने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर 2019 से लेकर 30 मार्च 2023 तक खरीदा है, उन्हें चार्जर का पैसा वापस रिफंड किया जाएगा.

इन कंपनियों को भी भेजा सरकार ने नोटिस

सरकार से सब्सिडी के नाम पर पैसे लेने वाली कई कंपनियों को सरकार ने नोटिस भेजा है. भारी उद्योग मंत्रालय ने ओकिनावा और हीरो इलेक्ट्रिक को उनके नियमों के अनुसार काम नहीं करने के लिए दोषी पाया है. जिसके लिए मंत्रालय ने अब इन कंपनियों को नोटिस भेज दिया है.

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