Airtel की नई टेक्नोलॉजी, हवा से पहुंचाएगी इंटरनेट! केबल, टॉवर और सैटेलाइट का झंझट खत्म, देखिये रिपोर्ट

भारत में इंटरनेट के क्षेत्र में नई क्रांति लाने के लिए भारती एयरटेल (Bharti Airtel) कंपनी पूरी तरीके से तैयार हो चुकी है. भारती एयरटेल (Bharti Airtel) टेलीकॉम कंपनी एक नई इंटरनेट टेक्नोलॉजी भारत में पेश करने जा रही है, जोकि बिना मोबाइल टावर और सैटेलाइट के 4G और 5G इंटरनेट दूर दराज के इलाकों में पहुंचने का काम करेगी. वर्तमान समय में भारत के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की पहुंच नहीं है, लेकिन अब एयरटेल की यह नई टेक्नोलॉजी दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचने का काम करेगी. चलिए जानते हैं एयरटेल की नई इंटरनेट टेक्नोलॉजी के बारे में, जो कि- इंटरनेट के क्षेत्र में क्रांति लाने वाली है.

Airtel की तारा! जो हवा से पहुंचाएगी इंटरनेट

भारती एयरटेल (Bharti Airtel) कंपनी एक नई इंटरनेट टेक्नोलॉजी भारत में पेश करने जा रही है, जिसकी मदद से बिना तार, मोबाइल टावर और सेटेलाइट के बिना ही इंटरनेट पहुंचा जा सकता है. यह नई टेक्नोलॉजी गूगल की पैरंट कंपनी अल्फाबेट की इंटरनेट टेक्नोलॉजी है, जो कि कई देश में इस्तेमाल की जा रही है. इस टेक्नोलॉजी में इंटरनेट पहुंचने के लिए लेजरबीम का इस्तेमाल किया जाता है. एयरटेल ने अपनी इस नई इंटरनेट टेक्नोलॉजी को “तारा” नाम से भारत में पेश किया है.

लेजरबीम टेक्नोलॉजी क्या है?

एयरटेल भारत की एक ऐसी टेलीकॉम कंपनी है जो सबसे पहले भारत में लेजर बीम टेक्नोलॉजी (laser beam internet Technology) पर आधारित इंटरनेट सेवाएं शुरू करने जा रही है. हालांकि वर्तमान समय में एयरटेल लेजरबीम टेक्नोलॉजी को भारत में लागू करने के लिए टेस्टिंग फेस से गुजर रही है. लेजरबीम टेक्नोलॉजी की मदद से बिना तार, मोबाइल टावर और सेटेलाइट के सबसे तेज और ज्यादा दूरी तक इंटरनेट पहुंचा जा सकता है. यह 4G, 5G से भी ज्यादा स्पीड वाला इंटरनेट टेक्नोलॉजी है. लेजर बीम टेक्नोलॉजी के माध्यम से 20Gbps  तक की हाई स्पीड इंटरनेट प्राप्त की जा सकती है. हालांकि भारत में यह टेक्नोलॉजी शुरुआत में काफी महंगी होने वाली है.

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लेजरबीम टेक्नोलॉजी में हवा की मदद से इंटरनेट को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाया जाता है. यह काफी नैरो और विजिबल बीम होगी, जो की हवा में स्थानांतरित होगी. आपको बता दे की एयरटेल इस नई टेक्नोलॉजी को गूगल की मदद से भारत में लाने की तैयारी कर रहे हैं. अब यह देखना होगा कि भारत में यह टेक्नोलॉजी कब तक शुरू होगी.

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