भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ी रखने और नए वाहन लेने वालों के लिए यह खबर वाकई राहतभरी है। सरकार ने कई प्रमुख शहरों में EV चार्जिंग स्टेशनों का जाल बिछाने का फैसला किया है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों को चार्जिंग की समस्या से निजात मिलेगी। इन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को हरी झंडी मिल चुकी है, और जल्द ही कई शहरों में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। सरकार का यह कदम न केवल प्रदूषण को कम करने में सहायक होगा, बल्कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपनाने के लिए लोगों को और प्रेरित करेगा।
EV Charging Stations
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के बाद सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग को लेकर आता है। क्योंकि घर से बाहर निकलने के लिए आपको पहले फूल चार्ज करना पड़ेगा और दूरी यात्रा करते है, तो बैटरी डिस्चार्ज होने का सवाल बार-बार मन में उठता है। इसलिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने उत्तर प्रदेश नवीकरणीय और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (UPREV) की स्थापना की है।
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग नेटवर्क में बड़ा बदलाव
UP सरकार ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क को फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस पहल के तहत राज्य के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर चार्जिंग पॉइंट्स स्थापित किए जा रहे हैं। यह कदम निजी निवेश को आकर्षित करेगा और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को गति देगा, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ेगा।
सस्ती दरों पर चार्जिंग की सुविधा
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग शुल्क में बदलाव किया है। अब पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों पर टैरिफ को औसत लागत से भी कम रखा गया है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को सस्ती दरों पर चार्जिंग की सुविधा मिलेगी। इस कदम से सरकार का उद्देश्य परिवहन क्षेत्र में हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है।
नौकरी के अवसर और आत्मनिर्भरता
चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए राज्य में तकनीकी विशेषज्ञों, इंजीनियरों और स्थानीय कामकाजी लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत 2000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ उठाते हुए और अधिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की योजना बनाई जा रही है। इस पहल से राज्य के युवाओं को रोजगार मिलेगा और इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की दिशा में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।