भारत सरकार (मोदी सरकार) द्वारा देश के हर वर्ग के लिए कई तरह की कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिनमे रजिस्ट्रेशन कर भारत का हर वर्ग का व्यक्ति सरकारी योजना का लाभ उठा रहा है। वही मोदी सरकार देश के अन्नदाता किसानों के लिए भी कई तरह की सरकारी योजनाएं चलाकर उन्हें आर्थिक-वित्तीय सहायता एवं खेती से जुड़े कार्यों में मदद करती है।
किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के साथ-साथ समय-समय पर कई तरह की सत्यापन प्रक्रियाओं से भी गुजरना पढ़ता था। जिसमें केवाईसी,भू-सत्यापन, डाक्यूमेंट्स अपडेट जैसे कई प्रक्रियाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बार-बार किया जाता था। जिससे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता था लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा इन सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिएबार-बार सत्यापन प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है।
सरकार द्वारा किसानों की जानकारी फार्मर रजिस्ट्री के द्वारा डिजिटल माध्यम से संयोजित की जा रही है, जिसमें किसानों की एक डिजिटल आईडी बनाई जाती है। जिसमें किसानों का सारा लेखा-जोखा डिजिटल माध्यम से सरकार के पास रहेगा। इस डिजिटल आईडी का मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं का सीधा एवं पारदर्शी तरीके से किसानों को लाभ देना है। फार्मर रजिस्ट्री प्रक्रिया किसानों ने पूरी कर ली।
फार्मर रजिस्ट्री का किसानों को फायदा
अगर आप भी एक किसान है और अपना किसान कार्ड या डिजिटल फार्मर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर ली है, तो आपको किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए बार-बार डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाने की जरूरत नहीं है। अगर आप सरकारी योजना के नियम एवं शर्तों के मुताबिक योग्य हैं तो आपको सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता रहेगा। लेकिन जिन किसानों ने फार्मर रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी नहीं किए हैं उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।